भारतीय राजव्यवस्था (Indian Polity)
E. संसद (Parliament)
71.भारतीय संसद के कामकाज में ‘शून्यकाल’ का अर्थ है-
(a) प्रश्नकाल से पहले का समय
(b) सत्र का पहला घंटा
(c) प्रश्नकाल और अगली कार्यसूची के बीच का समय
(d) जब विशेषाधिकार प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाए
Ans. (c) प्रश्नकाल और अगली कार्यसूची के बीच का समय [SSC CHSL (10+2) 2010]
Explain:- [भारतीय संसद द्वारा विश्व संसदीय प्रणालियों में समाविष्ट अभिनव चर्चा प्रक्रिया ‘शून्यकाल’ संसदीय कामकाज के अंतर्गत प्रश्न काल के ठीक बाद का समय होता है। 12 बजे प्रारंभ होने के कारण इसे ‘शून्यकाल’ कहा जाता है। शून्यकाल नाम 1960 और 1970 के दशक के प्रारंभिक वर्षों में समाचार-पत्रों में उस समय दिया गया जब बिना पूर्व सूचना के संसद में अविलंबनीय लोक महत्व के विषय उठाने की प्रथा विकसित हुई।]
72.संसद के सदस्यों के लिए औपचारिक रूप से निर्धारित उपकरण नहीं है।
(a) शून्यकाल
(b) ध्यान आकर्षण प्रस्ताव
(c) आधे घंटे की चर्चा
(d) अल्पकालिक चर्चा
Ans. (a) शून्यकाल [SSC CHSL (T-1) online 06.03.2018 shift-1]
73.निम्न में से कौन-सा प्रशासन पर विधायी नियंत्रण के अंतर्गत नहीं आता ?
(a) शून्यकाल
(b) स्थगन प्रस्ताव
(c) बजट सत्र
(d) किसी विधेयक निरूपण
Ans. (a) शून्यकाल [SSC CHSL (10+2) 2010]
Explain:- [शून्यकाल, प्रश्नकाल के तत्काल बाद शुरू होता है। इस काल में कोई कार्यवाही नहीं होती है। इसलिए शून्यकाल विधायी नियंत्रण के अंतर्गत नहीं आता है।]
74.‘हाउस ऑफ द पीपुल’ को ‘लोक सभा’ का नाम किस वर्ष दिया गया था ?
(a) 1954
(b) 1964
(c) 1974
(d) 1984
Ans. (a) 1954 [SSC CHSL (10+2) 2010]
Explain:- [‘हाउस ऑफ द पीपुल’ के लिए 14 मई, 1954 को ‘लोक सभा ‘नाम अपनाया गया था।]
75.संसद और संविधान साधन नहीं हैं-
(a) विधिक न्याय के
(b) राजनीतिक न्याय के
(c) आर्थिक न्याय के
(d) सामाजिक न्याय के
Ans. (a) विधिक न्याय के [SSC CHSL (10+2) 2010]
Explain:- [भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली में लिखित संविधान एवं जनप्रतिनिधियों की निर्वाचित संसद की व्यवस्था देश के नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय प्रदान करने के मूल उद्देश्य के साथ की गई है। स्वयं संविधान की उद्देशिका में यह तथ्य उल्लिखित है। जबकि नागरिकों को विधिक न्याय उपलब्ध कराने का कार्य स्वतंत्र न्यायपालिका को सौंपा गया है।]
76.भारत के प्रधानमंत्रियों का निम्नलिखित में से कौन-सा कालानुक्रम सही है ?
I. इंदिरा गांधी II. जवाहरलाल नेहरू III. मोरारजी देसाई IV. चरण सिंह
(a) I, II, III, IV
(b) II, II, I, IV
(c) II, I III, IV
(d) III, II, IV, I
Ans. (c) II, I III, IV [SSC CHSL (10+2) 2011]
Explain:- [दिए गए भारत के प्रधानमंत्रियों का सही कालानुक्रम है- जवाहरलाल नेहरू (1947-1964), इंदिरा गांधी (1966-1977; 1980-1984), मोरारजी देसाई (1977-1979), चरण सिंह (1979-1980)]
77.किसने कहा था “संसदीय लोकतंत्र का अर्थ है एक व्यक्ति और एक मत” ?
(a) जवाहरलाल नेहरू
(b) एम.के. गांधी
(c) डॉ. बी. आर. अंबेडकर
(d) सरदार पटेल
Ans. (c) डॉ. बी. आर. अंबेडकर [SSC CHSL (10+2) 2012]
Explain:- [भारत के प्रथम चिंतक डॉ. बी. आर. अंबेडकर हैं, जिन्होंने पश्चिमी पद्धति के लोकतंत्र का समर्थन करते हुए कहा था कि ” संसदीय लोकतंत्र का आशय एक व्यक्ति और एक मत है “।]
F. मंत्रिपरिषद (Council of Ministers)
78.योजना आयोग का अध्यक्ष कौन है ?
(a) राष्ट्रपति
(b) प्रधानमंत्री
(c) वित्त मंत्री
(d) उपराष्ट्रपति
Ans. (b) प्रधानमंत्री [SSC CHSL (10+2) 2011]
Explain:- [योजना आयोग एक संविधानेत्तर संस्था है जिसका गठन 15 मार्च, 1950 को एक कार्यपालिकीय आदेश द्वारा किया गया। प्रधानमंत्री | योजना आयोग का पदेन अध्यक्ष होता है। 1 जनवरी, 2015 को भारत सरकार ने योजना आयोग के स्थान पर नीति आयोग के गठन की घोषणा की। इस आयोग का अध्यक्ष भी प्रधानमंत्री ही होता है।]
79.भारत के प्रथम उपप्रधानमंत्री कौन थे ?
(a) सरदार वल्लभभाई पटेल
(b) मौलाना अबुल कलाम आजाद
(c) जवाहरलाल नेहरू
(d) गुलजारी लाल नंदा
Ans. (a) सरदार वल्लभभाई पटेल [SSC CHSL (10+2) 2015]
Explain:- [भारत के प्रथम उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभाई पटेल थे। वे इस पद पर 15 अगस्त, 1947 से 15 दिसंबर, 1950 तक रहे। ध्यातव्य हो कि भारतीय संविधान में उपप्रधानमंत्री की व्यवस्था नहीं की गई है।]
80.किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की पेंशन प्रभारित की जाती है-
(a) राज्य के लोक लेखा को
(b) भारत की संचित निधि को
(c) भारत के लोक लेखा को
(d) राज्य की संचित निधि को
Ans. (b) भारत की संचित निधि को [SSC CHSL (10+2) 2012]
Explain:- [संविधान के अनु. 112 (3) के अनुसार, निम्नलिखित व्यय भारत की संचित निधि पर भारित व्यय हैं- राष्ट्रपति के वेतन-भत्ते एवं उसके पद से संबंधित अन्य व्यय; राज्य सभा और लोक सभा के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के वेतन-भत्ते ऐसे ऋण भार, जिनका दायित्व भारत सरकार पर है; उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन-भत्ते एवं पेंशन फेडरल न्यायालय के न्यायाधीशों की पेंशन; उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की पेंशन; नियंत्रक – महालेखा परीक्षक के वेतन-भत्ते एवं पेंशन किसी न्यायालय या मध्यस्थता अधिकरण के निर्णय की तुष्टि हेतु अपेक्षित राशियां तथा अन्य कोई व्यय जो संसद द्वारा, विधि द्वारा इस प्रकार भारित घोषित किया जाए।]
G. न्यायपालिका (Judiciary)
81.उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अधिवर्षिता आयु क्या है ?
(a) 60 वर्ष
(b) 62 वर्ष
(c) 65 वर्ष
(d) 66 वर्ष
Ans. (c) 65 वर्ष [SSC CHSL (10+2) 2015]
82.अंतिम अपीलीय न्यायालय कौन-सा है ?
(a) उच्च न्यायालय
(b) जिला न्यायालय
(c) सिविल न्यायालय
(d) उच्चतम न्यायालय
Ans. (d) उच्चतम न्यायालय [SSC CHSL (10+2) 2015]
Explain:- [अंतिम अपीलीय न्यायालय, उच्चतम न्यायालय है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 132 के तहत उच्च न्यायालय की सिविल, दांडिक या अन्य कार्यवाही में दिए गए किसी निर्णय, डिक्री या अंतिम आदेश | की अपील उच्चतम न्यायालय में होगी।]
83.संविधान की व्याख्या कौन करता है ?
(a) विधानमंडल
(b) कार्यपालिका
(c) न्यायपालिका
(d) राष्ट्रपति
Ans. (c) न्यायपालिका [SSC CHSL (10+2) 2010]
84.भारत के उच्चतम न्यायालय की केंद्र और राज्यों के बीच विवाद का निपटारा करने की शक्ति किसके अंतर्गत आती है ?
(a) मौलिक अधिकारिता
(b) सांविधानिक अधिकारिता
(c) परामर्श अधिकारिता
(d) अपील अधिकारिता
Ans. (a) मौलिक अधिकारिता [SSC CHSL (10+2) 2015]
Explain:- [भारत के उच्चतम न्यायालय की केंद्र और राज्यों के बीच विवाद का निपटारा करने की शक्ति मौलिक अधिकारिता के अंतर्गत आती है साथ ही दो अथवा दो से अधिक राज्यों के बीच विवादों का निपटारा तथा भारत सरकार एवं कुछ राज्यों का अन्य राज्यों के साथ विवादों का निपटारा करने की शक्ति भी मौलिक अधिकारिता के अंतर्गत आती है (अनुच्छेद 131 )।]
85.उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने के लिए कम से कम कितने वर्ष की उच्च न्यायालय के अधिवक्ता के रूप में वकालत का अनुभव होना चाहिए ?
(a) 10 वर्ष
(b) 5 वर्ष
(c) 15 वर्ष
(d) 20 वर्ष
Ans. (a) 10 वर्ष [SSC CHSL (10+2) 2015]
86.उच्चतम न्यायालय में कितने न्यायाधीश हैं ?
(a) 25
(b) 26
(c) 30
(d) 31
Ans. (c) 30 [SSC CHSL (10+2) 2014]
Explain:- [मूल संविधान में सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की कुल संख्या 8 (1 मुख्य न्यायाधीश तथा 7 अन्य न्यायाधीश ) नियत की गई थी। अनुच्छेद 124 में प्रदत्त शक्ति के अनुसरण में संसद ने सर्वोच्च न्यायालय (न्यायाधीशों की संख्या) अधिनियमों के माध्यम से इनकी संख्या में परिवर्तन किया है। वर्ष 1986 के अधिनियम द्वारा न्यायधीशों की कुल संख्या 26 (125) कर दी गई। सर्वोच्च न्यायालय ( न्यायाधीशों की संख्या) अधिनियम, 1956 जो सर्वोच्च न्यायालय ( न्यायाधीशों की संख्या) संशोधन अधिनियम, 2008 कहा जा सकता है, के अनुसार मुख्य न्यायाधीश को छोड़कर सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की अधिकतम संख्या 30 हैं।]
87.राज्य के लिए एक निर्वाचन याचिका का निर्णय करने का अधिकार किसको है ?
(a) संसद
(b) उच्चतम न्यायालय
(c) उच्च न्यायालय
(d) चुनाव आयोग
Ans. (c) उच्च न्यायालय [SSC CHSL (10+2) 2014]
Explain:- [भारतीय संविधान के अनु. 327 के अनुसार, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अधीन निर्वाचन संबंधी समस्त विवादों (राष्ट्रपति एवं | उपराष्ट्रपति के निर्वाचन को छोड़कर) के निपटारे की शक्ति उच्च न्यायालयों में निहित है।]
88.न्यायपालिका द्वारा बनाए गए कानून को कहते हैं-
(a) साधारण कानून
(b) निर्णय विधि
(c) विधि का नियम
(d) प्रशासनिक कानून
Ans. (b) निर्णय विधि [SSC CHSL (10+2) 2010]
Explain:- [न्यायपालिका द्वारा बनाए गए कानून को ‘निर्णय विधि’ कहा जाता है। धीरे-धीरे इस प्रकार की विधि अपना स्थान बना लेती है तथा अन्य मामलों में निर्णय देने में इनका प्रयोग किया जाता है।]
89.उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को उनका कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही अक्षमता अथवा सिद्ध कदाचार के आधार पर उनके कार्यालय से किसके द्वारा हटाया जा सकता है ?
(a) भारत के मुख्य न्यायाधीश
(b) उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
(c) संसद के दोनों सदनों की सिफारिशों पर राष्ट्रपति
(d) विशेष बहुसंख्या सहित संसद के दोनों सदन
Ans. (c) संसद के दोनों सदनों की सिफारिशों पर राष्ट्रपति
[SSC CHSL (10+2) 2012]
Explain:- [उच्च या उच्चतम न्यायालय का कोई न्यायाधीश अपने पद से तब तक नहीं हटाया जा सकता जब तक कि सिद्ध कदाचार अथवा | असमर्थता के आधार पर हटाए जाने हेतु प्रत्येक सदन की समस्त सदस्य संख्या के बहुमत द्वारा और उपस्थित तथा मत व्यक्त करने वाले सदस्यों के कम से कम 2/3 बहुमत द्वारा समर्थित समावेदन संसद के प्रत्येक सदन के उसी सत्र में राष्ट्रपति के समक्ष रखे जाने पर राष्ट्रपति ने आदेश न दे दिया हो।]
90.नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल किससे संबंधित मामलों को देखता है ?
(a) आपराधिक मामले
(b) ऐतिहासिक स्मारकों के सुरक्षा एवं संरक्षण संबंधी मामले
(c) सिविल मामले
(d) पर्यावरण संरक्षण और वन संरक्षण
Ans. (d) पर्यावरण संरक्षण और वन संरक्षण
[SSC CHSL (10+2) 2015]
Explain:- [नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की स्थापना वर्ष 2010 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 के अधीन की गई थी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल पर्यावरण संरक्षण और वन संरक्षण से संबंधित मामलों को देखता है। जबकि आपराधिक मामले फौजदारी न्यायालय द्वारा तथा सिविल मामले दीवानी न्यायालय द्वारा देखे जाते हैं।]
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